क्या होगा अब तो समय चला गया, अब फिर क्यों लौट कर आए हैं। क्या होगा अब तो समय चला गया, अब फिर क्यों लौट कर आए हैं।
पर क्या पता शायद इसी को ही केहते हैं जीना ! पर क्या पता शायद इसी को ही केहते हैं जीना !
दूर हो तुम फिर भी पास लगते हो, जाने क्यूँ कुछ ख़ास से लगते हो ? दूर हो तुम फिर भी पास लगते हो, जाने क्यूँ कुछ ख़ास से लगते हो ?
देखते देखते एक वक्त के बाद हमारी उम्र ढलने लगती है , हमारा शरीर कमजोर होने लगता है देखते देखते एक वक्त के बाद हमारी उम्र ढलने लगती है , हमारा शरीर कमजोर होन...
क्या उम्र भी - इसी तरह ढलती है ? उसका भी यही हश्र होता है ? क्या उम्र भी - इसी तरह ढलती है ? उसका भी यही हश्र होता है ?
कभी सहारा ले लेना, कभी किसी का सहारा, बन जाना तुम। कभी सहारा ले लेना, कभी किसी का सहारा, बन जाना तुम।